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Saturday 25 July 2015

लालच पड़ा भारी

Inspirational Story in Hindi

दोस्तों आज आप सबके साथ Hindi में एक Inspiring Story Share कर रहा हूँ जो सोने की एक शिला के बारे में है।
Self Help Stories
किसी जंगल में एक स्वर्ण शिला पड़ी हुई थी। दो घुड़सवार वहां आए और दोनों ने उस शिला को देख लिया, चूंकि दोनों एक हीं समय पर पहुंचे थे इसलिए दोनों ने उस स्वर्णशिला पर अपना अपना अधिकार जताना शुरू कर दिया। पहले वाक युद्ध हुआ , फिर बात हाथापाई तक पहुंच गई। अंततः दोनों में तलवारे खिंची और एक ही पल में एक दूसरे के सीने में उतर गई । दोनों घुड़सवार वहीं मर गए। दोनों एक दूसरे से पूर्णतः अनभिज्ञ थे पर लोभ ने एक दूसरे को जानी दुश्मन बना दिया।

कुछ देर बाद वहां एक साधु महाराज पहुंचे, उनकी नजर भी सोने की उस शिला पर पड़ गई और वे भूल गए कि उन्होनें दुनिया की मोह माया त्यागने का प्रण भी कभी लिया था। लोभ में उनकी आंखे इतनी अंधी हो गई कि  उन दो घुड़सवारों के शव तक नहीं देखे। वे पास ही में खड़े रहकर यह सोचने लगे कि किस तरह से इसे अपनी कुटिया में पहुंचाया जाए?

तभी वहां से चोरों का एक समूह जिसमें कुल आठ चोर थे, वहां पहुंचा। साधु महाराज ने उनसे कहा कि तुम यह शिला मेरी कुटिया तक पहुंचा दो, मैं तुम्हे खूब सारा धन दूंगा। साधु की यह बात सुनकर चोर हंसे और बोले कि क्यों न हम तुम्हें मारकर यह स्वर्णशिला ही ले जाए? चोर तो आखिर चोर ठहरे। उन्होंने वैसा ही किया , साधु महाराज के शव को ठिकाने लगा कर उन्होनें यह फैसला किया कि इस शिला के आठ बराबर टुकड़ें कर के आपस में बांट लिए जाए। इसके लिए वह पास गांव के एक सुनार के यहां गए और उन्हें स्वर्णशिला के बारे में बताकर आठ टुकड़े करने के लिए कहा। चोरों की बात सुनकर सुनार का मन भी लालच के जल में हिचकोले खाने लगा। उसने घर में जाकर आठ लड्डू बनाए और उनमें विष मिला दिया। यह लड्डू लेकर वह चोरों के साथ जंगल में गया जहां स्वर्णशिला पड़ी थी।

वहां पहुंचकर सुनार ने चोरों से कहा कि भाईयों तुम पहले मेरे घर के बने लड्डू खा लो, उसके बाद अपन इस शिला के टुकड़े करने का काम शुरू करेंगे। यह बात सुनकर चोरों ने लड्डू खाने से मना कर दिया कि पहले आप इनके आठ टुकड़े कर दे इसके बाद हीं हम कुछ खाएंगे। सुनार ने जल्दी हीं उस स्वर्णशिला के आठ टुकड़े कर दिये। स्वर्णशिला का राज सुनार कहीं राजा को न बता दे इसलिए चोरों ने सुनार की भी हत्या कर दी। अपने अपने टुकड़ें लेकर चोर जैसे ही चलने को हुए तो उन्होनें सोचा कि पहले कुछ खा लिया जाए इसलिए उन्होनें सुनार के लाए लड्डू खा लिए। लड्डु खाते ही उनकी भी वहीं पर मृत्यु हो गई। स्वर्णशिला के लोभ में कुल 12 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और फिर भी इसे कोई नहीं पा सका। लालच एक ऐसा विष है, जो उसकी तरफ देखने वाले को भी बर्बाद कर देता हैं।


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