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About me

Hiiiiiiii Freinds!!


जिंदगी में हम अपने सुखों को देखने के बजाय दुःखों को देखकर इतने व्यथित हो जाते है कि हमारे चेतन और अवचेतन मन दोनों में नकारात्मक भावनाएं घर कर जाती है। और यह नकारात्मक भावनाएं आपकी जिंदगी में वैसे ही दुःख और लाती रहती है। । तब हमारे मन में बस यही एक विचार आता है कि आखिर मेरे साथ ही यह सब क्यों हो रहा है ?

अगर हम सुखी रहना चाहते है तो सबसे पहले हमें अपने दिमाग के उस Section की सफाई करनी पड़ेगी जो हमारे विचारों को नियंत्रित करता है। हमें अपने मन से नकारात्मक भावनाएं निकालनी होगी।
हर एक इंसान में दो प्रकार के मन होते है चेतन और अवचेतन मन। चेतन मन वहीं हैं जिससे आप और हम अभी सोच रहे है। चेतन मन वो है जिससे हमारे हाथ पैर, आंखे, मुंह यह सभी हिल रहे है। जबकि अवचेतन मन वो है जो आपकों एहसास करवाता है, वो एहसास खुशी का भी हो सकता है और गम का भी। अवचेतन मन वो है जो आपके हृदय की गति को नियंत्रित करता है।

आगे बढ़ने के लिए इनमें से अवचेतन मन का सकारात्मक होना अनिवार्य है (ध्यान रहे मैनें आवश्यक के स्थान पर अनिवार्य शब्द का प्रयोग किया है)। जब हमारा अवचेतन मन सकारात्मक सोच सोचने लगेगा तब आप खुद पाएंगे कि आपकों किसी भी कार्य को करने के लिए बाहरी उत्साह की आवश्यकता नहीं है आपका भीतरी मन ही इसके लिए काफी है।

अवचेतन मन को सकारात्मक बनाने का एक ही तरीका है- अपने चेतन मन को Positive बनाना। चेतन मन को सकारात्मक बनाने के लिए ही इस Blog का निर्माण किया गया है। भारत में सबसे ज्यादा पढ़ी, लिखी और बोली जाने वाली भाषा है हिंदी। इस Blog का हिंदी रूप इसी मंशा से रखा गया है ताकि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास पहुंच सके।

Introduction- दुनिया वाले राम लखारा कहते है, पापा रामू कहते है, कोई रामजी कहता है, तो कोई रामसा, जिसकों नाम याद नहीं रहता वो लखारा जी कह देता है। लेकिन मैं उन सभी के प्यार को समान भाव से स्वीकार करता हुं।
बचपन से पढ़ने का शौक है और जवानी में लिखने उत्साह है। कहीं पढ़ा था जवानी का शौक और जवानी का प्यार दोनों बुढ़ापे तक पीछा नहीं छोड़ते। सच पूछो तो मैं भी यही चाहता हुं।
कई कविताए पत्रिकाओं में छप चुकी है, विभिन्न वेबसाइटों पर मेहमान लेखक के तौर पर भी लेख लिखे है। लिखना चाहता हुं, पढ़ना चाहता हुं और इन सबसे बढ़कर हँसते हँसते जीना चाहता हूँ।

Education- मेरे दोस्त कहते है कि मैं पढ़ाई में होशियार हुं। शायद सच ही कहते होंगे। पर यह बात तय है कि वो सब मुझसे कम होशियार नहीं है।

1. 12th Science- From AVM Sr. Sec. School, Balotra in 2009 (Listed in top 100 students of Rajasthan in Board Exams).
2. B.Sc.(Bio technology)- From Aadarsh Mahavidyalay, Jodhpur (Final year Drop out for job) 2011.
3. B.A. (English Literature)- From JNVU Jodhpur 2014 (With First Class Appreciation ).
4. M.A. (Hind Literature) - From VMOU Kota.

विशेष- अगर मैं आदर्श विद्या मंदिर माजीवाला में पढ़ने नहीं जाता तो शायद आज जैसा हूँ वैसा नहीं हो पाता. उस विद्यालय ने मुझे सँवारा है। Principal अजय कुमार जी गुप्ता, महिपाल दवे, बाबूसिंह भूट, सुरेश चौधरी यह वो नाम है जिन्होने मुझे बनाया है। यहीं लोग है जिन्होने मुझे मंच पर बोलने के भरपूर अवसर दिए, विभिन्न बौद्धिक प्रतियोगिताओं मे भाग लेने के लिए मेरा नाम सुझाया। इसी समय में कहानी लेखन में मुझे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, जिसने मेरे अंदर के लेखक को उगाने में बीज का काम किया। अपने प्रथम विद्यालय नवकार विद्या मंदिर सिणधरी के अध्यापक हनुमानजी प्रजापत को भी याद करूंगा जिन्होने मेरी फरमाइश पर हर बार शायरी सुनायी, और शायरी का शौक भी जगा दिया। खरताराम जी चौधरी को भी जिन्होनें अगर इतनी अच्छी हिंदी नहीं पढ़ायी होती तो इतना अच्छा लिख भी नहीं पाता। इसी क्रम में जैसलमेर के नरेंद्रजी वासु, गिरधरजी भाटिया और दीनदयालजी ओझा भी याद करने योग्य है, जिंनकी छाँव में कविता ने उड़ान भरी।

Blogging- चूँकि मुझे लिखने का शौक है इसलिए मैंने यह ब्लॉग शुरू किया। हालाँकि मेरे लेख और कविताये पत्रिकाओ और वेबसाइट पर प्रकाशित होते है पर मेरी दिली इच्छा थी कि मेरा भी एक ब्लॉग हो। इस ब्लॉग को शुरू करने के मेरे मुख्य तीन उद्देश्य है जो उसी क्रम में नीचे लिखे हुए है जिस क्रम में यह मेरे मन में है।

1.Motivational Help - विचार प्रेरणा की शुरूआत इसी उद्देश्य को लेकर हुई थी। विचार प्रेरणा के माध्यम से मैं आप तक वह सारी सामग्री पहुंचा देना चाहता हूं जो हम सबके लिए उपयोगी हो। अगर व्यक्ति का Self improvement हो जाए तो बहुत सारी बुराईयां स्वतः ही नष्ट हो जाएगी।

2.हिंदी को बढ़ावा- मैंने इस ब्लाॅग का Content Hindi में ही रखा, क्योंकि हिंदी में ऐसी वेबसाइट बहुत कम है। अगर मेरा पहला उद्देश्य पैसे कमाना होता तो मैं यह ब्लाॅग अंग्रेजी में लिख सकता था, इससे मुझे Pageviews and Visitors ज्यादा मिलते, Google search में मेरी साईट पहले दिखाई देती। लेकिन यह सब करके मैं वहां तक नहीं पहुंच पाता जहां मैं पहुंचना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरी पोस्ट भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर एक पांचवी पास व्यक्ति भी पढ सके और समझ सके। मैं चाहता हूं जैसे गूगल पर अंग्रेजी में लिखे गए लेखों की भरमार है उसी तरह हिंदी में लिखे गए लेखों की संख्या भी बढें और हिंदी वेबसाईट और ब्लाॅग्स भी अच्छे Visitors और Page views प्राप्त करे। हिंदी में क्यों? इसका यहीं उत्तर है कि हिंदी विश्व की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और पूरे विश्व में 500 मिलियन (50 करोड़) से अधिक लोग यह भाषा बोलते, पढते, समझते है। हिंदी भारत की भाषा और व्यवहार ही नहीं है, यह भारत की सांस्कृतिक विरासत भी है जिसे सहेजकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।

3.For My Dream Life-  दोस्तों  जैसा कि मैंने पहले बताया कि मैं एक कवि और लेखक हूँ। लिखना और पढ़ना मेरा शौक है। और मेरा दिल से यह मानना है और आप सबको भी मेरा यही सुझाव है कि जिस काम में आपकी रूचि हो उसी को अपनी आजीविका का जरिया बनाओ। अगर आप पूरी ज़िन्दगी वो काम करते रहे जो आपको पसंद है तो यकीन माने , आपको आपका काम एक पल के लिए भी बोझ नहीं लगेगा। जैसे कि मुझे कविता, कहानी या लेख लिखते समय बिलकुल भी बोरियत महसूस नहीं होती और मैं शौक से अपना काम कर लेता हूँ. हालाँकि यह मेरी आजीविका नहीं हैं लेकिन मैं इसे अपने कमाई का तरीका बनाने की पूरी कोशिश कर रहा हु और मुझे पूरा पूरा विश्वास है कि आने वाले कुछ समय में ही मैं अपनी नौकरी छोड़कर अपने लेख, पुस्तक और इस ब्लॉग के माध्यम से इतनी कमाई कर लूँगा जिससे मुझे नौकरी करने की जरुरत नहीं पड़े। मुझे मेरी रचनाओ के छपने से अभी थोड़ी बहुत कमाई हो जाती है. हर एक की ज़िन्दगी का सपना होता है, और यह मेरी ज़िन्दगी का सपना है कि मैं 9 से 5 तक की नौकरी न करके इससे भी अधिक  24*7 घंटे नौकरी करू सिर्फ अपने पाठको के लिए, आपके लिए और अपनी ख़ुशी के लिए।

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1 comment:

  1. जय राम जी की,

    राम लखारा जी को, मित्रों, राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट!!!
    भाई राम लखारा जी पर सच में राम जी की कृपा है, नहीं तो इस पापी कलियुग ने किसी को इस काबिल छोरा ही कहाँ है की वो अपने अलावा किसी दुसरे के बारे में क्षण भर सोच भी सके.

    ऐसी शुद्ध मन, बुद्धि और अन्तःकरण से मानव जीवन की सुख-दुःख रूपी कड़ीयों से कविता रूपी मोतीयों की माला बनाकर हारे हुये मनों को प्रेरणा से भर देने वाले राम जी को बहुत बहुत साधुवाद.

    प्रभु श्री राम आपपर ऐसे ही कृपा बनाये रखें ऐसी मंगलकामना है.

    धीरेन्द्र
    jivanotkarshprerna.blogspot.com

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