Be Humbel and Get success article in hindi
जिंदगी में आगे बढ़ने वाले व्यक्तियों में अगर एक समान गुण देखे जाये तो उनमे से एक होगा विनम्रता का भाव. प्रकृति का शाश्वत सत्य है विचार ही जिंदगी बनाते है. विचार कैसे हो ? जवाब है - विचार अच्छे होने चाहिए अर्थात ख़ुशी प्रेम कृतज्ञता के विचार. और ये सब विचार आते है विनम्रता से. श्री कृष्ण, बुद्ध, महावीर, महात्मा गांधी, और आदि महान आत्माओ ने इसका पुरजोर समर्थन किया
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आज भाजपा के सबसे चर्चित चेहरे और तुरुप के इक्के बने नरेन्द्र मोदी जो गुजरात में दस वर्षो से अधिक मुख्यमंत्री है और राष्ट्रिय राजनीती में भी आज लोकप्रिय हो चुके है, वो एक समय में राष्ट्रिय स्वयम सेवक संघ के मुख्यालय में पदाधिकारियों के रेलवे रिजर्वेशन और टिकट बुकिंग, चिट्ठी वाचन और अन्य काम बड़ी सेवा भाव से करते थे.
राजीव गाँधी जो देश के युवा प्रधान मंत्री थे एक बार राजस्थान की यात्रा पर आये थे. उस समय वे एक रस्ते से गुजर रहे थे तो उनके सामने से एक दाढ़ी वाले पुरुष को गुजरते देखकर उन्होंने झुक कर अभिवादन किया प्रत्युत्तर में उस पुरुष ने आशीर्वाद दिया. ये उनका विनम्रता का भाव था. ये वाकया मैंने कही से कॉपी पेस्ट नहीं किया है. ये वाकया मुझे उसी दाढ़ी वाले व्यक्ति ने सुनाया है. उन्हें मैं राठौड़ साहब के नाम से जानता हु और वे मेरे सहकर्मी ही है. ये राजीव जी की विनम्रता का प्रमाण था.एक प्रसिद्ध पंक्तिया भी है - झुकता वो ही है जिसमे जान होती है अकड़ तो मुर्दों की पहचान होती है.
जिस प्रकार फलो से भरा वृक्ष और पानी से भरे बादल हमेशा झुके रहते और ठीक उसी प्रकार साधन संपन्न व्यक्ति हमेशा झुके रहते है. विनम्रता आगे वाले व्यक्ति पर कितना प्रभाव डालती है इसका एक सच्चा उदहारण मैं आपको सुनाता हु- जब मैं अपनी ग्यारहवी कक्षा में पढता था तब हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गुप्ता ने यह वाकया सुनाया था. उनके शब्दों में '' मैं एक बार किसी कार्यक्रम से केरल गया था, वहा के विद्यालय में कोई कार्यक्रम था और वहा एक होस्टल भी संचालित हो रहा था. उस समय वहा के एक विद्यार्थी से मेरे समक्ष कुछ गलती हो गयी, इसके लिए उसने मुझसे क्षमा भी मांगी. और वो विद्यार्थी उसके बाद भी मेरे प्रवास के दौरान मुझसे जब भी मिलता तब भी अपनी गलती के लिए क्षमा मांगता. ''
फिर उन्होंने अपनी बात आगे बढाई '' मैंने ये बात आपको इसलिए सुनाई क्योकि मैं उस विद्यार्थी के अनुशासन और विनम्रता से अत्यधिक प्रभावित हुआ.''
सोचिये कितना प्रभाव पड़ता है आपके विनम्रता का कि एक व्यक्ति केरल से मीलो दूर आकर किसी के गुणों का बखान राजस्थान में करता है. नम्र होने से मतलब अपने आपको धरातल से जुड़ा रखना है.
जिंदगी में आप जरुर आगे बढ़ेंगे अगर आप विनम्रता का गहना पहन लेंगे.
Written By- Ram Lakhara
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