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Monday 18 January 2016

दो प्रेरक प्रसंग! Prernadayak hindi kahani

Two Inspirational Stories in Hindi


मदद (Help) :-

एक समय की बात है ,
हज यात्रियों के मार्ग पर एक अंधा भिखारी काफी समय से भीख मांग रहा था। एक नेक दिल धर्मपरायण व्यक्ति ने उसके पास आकर पूछा - ”बाबा एक बात बताअें। क्या इस राह से गुजरने वाले सभी यात्री मुनासिब दान दे रहे है?“  


अंधे भिखारी ने उसे अपना कटोरा दिखाया जिसमें केवल दो खोटे सिक्के पड़े थें। यात्री को इस पर बहुत दुख हुआ.

उसने भिखारी से कहा कि मैं एक तख्ती पर कुछ लिखकर आपके गले में टांग देता हूं शायद इससे आपका कुछ भला हो जाए। इस तरह वह यात्री तख्ती पर कुछ लिखकर चला गया और शाम के वक्त वह यात्री अंधे भिखारी से वापस मिलने आया ।


उसने पाया कि भिखारी उस समय बहुत खुश था। भिखारी ने बाबा से उनकी खुशी का कारण पूछा। बाबा ने बताया ”उसे कभी भीख में इतने पैसे नहीं मिले थे जितने आज के दिन मिल गए।“

”आपने इस तख्ती पर क्या लिखा है?“ भिखारी ने धन्यवाद देते हुए यात्री से पूछा।

मैंने सिर्फ इतना ही लिखा है कि आज सर्दी का सबसे खूबसूरत दिन है, सूरज अपनी रोशनी बरसा रहा है और मैं अंधा हूं।


चांदी की परत (Silver Layer) :-


प्राचीन नगर का एक बहुत धनी युवक धर्म गुरू के पास गया और पूछा कि कि ”उसे अपने जीवन में क्या करना चाहिए?“
धर्म गुरू उस धनी युवक को अपने कमरे की खिड़की तक ले गए और पूछा ”तुम्हें कांच के उस पार क्या दिख रहा है?“
उसका जवाब था- ” सड़क पर लोग आ जा रहे है। और एक बेचारा अंधा व्यक्ति भीख मांग रहा है।“



इसके बाद धर्म गुरू ने उसे एक बड़ा सा दर्पण दिखाया और पूछा ”अब इस दर्पण में देखकर बताओं कि तुम्हें क्या दिख रहा हैं?“

धनी युवक का जवाब था ”इसमें मैं खुद को देख रहा हूं।“

”ठीक है! दर्पण में तुम दूसरों को नहीं देख सकते। तुम जानते हो कि खिड़की में लगा कांच और यह दर्पण एक ही मूल पदार्थ से बने है।

तुम स्वंय की तुलना कांच के इन दोनों रूप से करके देखों। जब यह साधारण है कि तो तुम्हें सभी दिखते है। और उन्हें देखकर तुम्हारे भीतर करूणा जागती है। और जब इस कांच पर चांदी का लेप हो जाता है तो तुम केवल स्वंय को देखने लगते हो।

तुम्हारा जीवन भी तभी महत्वपूर्ण बनेगा जब तुम अपने आंखों पर लगी चांदी की परत को उतार दों। ऐसा करने के बाद ही तुम अपने लोगों को देख पाओगे और उनसे प्रेम कर पाओगे।“

धनी युवक ने धर्म गुरू की यह बात सुनकर उनके चरण पकड़ लिए।
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तो दोस्तों Comments के माध्यम से मुझे जरूर बताईएगा कि यह पोस्ट आपकों कैसी लगी? मुझे इंतजार रहेगा........
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OK!  Good Bye and Take Care!!!!!

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7 comments:

  1. लाजवाब प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!

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    1. आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद!!!

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  2. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन क्या लिखा जाये, क्या नहीं - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

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    1. राजा कुमारेन्द्र सिंह जी इस हेतु आपका धन्यवाद। मैनें आपकें ब्लाॅग को पढा है, बहुत सुंदर प्रयास आपके द्वारा. एक बार पुनः धन्यवाद।

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  3. sir aap itni achi achi khaniya late kaha se ho

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