Inspirational Hindi Story
प्राचीन भारत की बात है, एक समय राजा का दरबार लगा था। तभी दरबार में राजकवि ने प्रवेश किया। राजकवि का आगमन होते ही पूरा दरबार उनके सम्मान में खड़ा हुआ, राजा ने राजकवि को प्रणाम करते हुए उनका स्वागत किया।
भरे दरबार में राजकवि ने राजा को आशीर्वाद देते हुए उनसे कहा, ''आपके शत्रु चिरंजीव हो।''
इतना सुनते ही पूरी सभा दंग रह गई। यह विचित्र सा आशीर्वाद सुनकर राजा भी राजकवि से नाराज हो गए, पर उन्होंने अपने क्रोध पर नियंत्रण कर लिया।
इस बात को वहां उपस्थित सभी लोगों ने भांप लिया। वहां कई दरबारी ऐसे भी थे, जो राजकवि की प्रतिभा, रूतबे और व्यक्तित्व से जलते थे। वे मन ही मन प्रसन्न हो गए कि अब राजकवि राजा की नजरों से गिर जाएंगे और उनका महत्व कम हो जाएगा। हो सकता है वे राजा द्वारा दंडित भी किये जाए।
राजकवि ने भी इस बात को ताड़ लिया कि राजा उनकी बात सुनकर नाराज हो गए है। उन्होंने तुरंत कहा, ''महाराज क्षमा करें। मैनें आपको कुछ दिया, पर आपने लिया नहीं।''
राज ने पूछा, ''कौन सी चीज? ''
राजकवि बोले, ''मैने आपको आशीर्वाद दिया पर आपने लिया नहीं।''
राजा ने कहा, ''कैसे लूं मैं आपका आशीर्वाद? आप मेरे शत्रुओं को मंगलकामना दे रहे है।''
इस पर राजकवि ने समझाया, ''राजन! मैनें यह आशीर्वाद देकर आपका हित ही चाहा है। आपके शत्रु जीवित रहेंगे, तो आप में बल, बुद्धि, पराक्रम और सावधानी बनी रहेगी।
यह बात आवश्यक है कि राजा को सदा सावधान रहना चाहिए। सावधानी तभी बनी रह सकती है, जब शत्रु का भय हो। शत्रु का भय होने पर ही होशियारी आती है। उसके न रहने पर हम निश्चिंत और असावधान हो जाते है।
इस प्रकार, हे राजन! मैनें आपको शत्रुओं को नहीं, आपको ही मंगलकामना दी है।''
राजकवि के आशीर्वाद का मर्म जानकर राजा ने राजकवि से क्षमा मांग ली और उनके आशीर्वाद को स्वीकार किया।
तो दोस्तों यह कहानी हमे बहुत कुछ सीखा जाती है। वह बात जो हमे समझनी चाहिए।
जिस प्रकार शत्रु का भय होने पर ही राजा सावधान और वीर बना रह सकता है, उसी प्रकार हमारे जीवन में भी मुश्किल परिस्थितियां और संकट होने पर ही हम कुछ बन पाते है।
अगर हमें किसी प्रकार का कष्ट, परेशानी या संकट नहीं होगा तो तय है कि हम निश्चिंत जीवन जिएंगे और परिस्थितियों को जस की तस स्वीकार कर लेंगे।
लेकिन अगर हमें संकट, परेशानी हो या उनका भय हो तब ही हम कुछ नया कर पाते है, कुछ नया सीख पाते है, नई बुलंदियां और सफलता को प्राप्त कर पाते है।
हमारे जीवन में कोई संकट या समस्या आती है तो राजा की तरह अपने राजकवि (भगवान) को कोसे नहीं, उनसे नाराज मत होइए बल्कि उनका धन्यवाद कीजिए कि भगवान ने हमें अपने आप को साबित करने का एक और अवसर प्रदान किया है।
समस्याओं से घबराने और डरने की बजाय आगे बढकर उन्हें स्वीकार करने का प्रयास करना चाहिए ताकि उसका नया समाधान प्रस्तुत कर सके और जीवन में नई बुलंदियों और उन्नतियों के दरवाजे अपने लिए खोल सके।
Yaad rakhe - संकट और परेशानी की भट्टी में तपकर ही इंसान सोना बनकर निकलता है।
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तो दोस्तों Comments के माध्यम से मुझे जरूर बताईएगा कि Inspirational Story in Hindi पोस्ट आपकों कैसी लगी? मुझे इंतजार रहेगा........--------------------------------------------
OK! Good Bye and Take Care!!!!!
Wahhh! such a great story, very inspirational.
ReplyDeleteThank you..
Vishal jha
Vishal Jha Thanks! keep visiting and reading motivational stories.
DeleteThis is such a very nice story and really give the very nice message for all persons for very successful life. Talented India News
ReplyDeleteHi
ReplyDeleteबहोत बडिया लिखे हो आप ..! मैं भी लिखता हूँ हिंदी में रहस्यकथा विज्ञान कथा और हिंदी थ्रिलर स्टोरीज पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे https://scifisuspensethriller-inhindi.blogspot.com
ReplyDeleteSweet Hindi Short Story old Gold.Click here to Read ❣
ReplyDeleteHatim Tai | हातिमताई का जन्म और शोहरत
ReplyDeletepanchtantra short stories in english Yt
ReplyDeletevery nice content keep doing read hindi stories here
ReplyDeletebest content thanks for providing
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सर जी.
ReplyDeleteहंसी मजाक से भरपूर hindi kahani ( dofollow backlink )