Thank You.........

Thank You.........

Important -


◦ "डाॅ. कुमार विश्वास की प्रेरणादायी शायरी" Post में और Extra शायरियां जोड़ी गई है, आप इसे यहां Click करके पढ़ सकते है। Thanks!
◦ "विचार ही जिंदगी बनाते है!" Law of Attraction in Hindi पोस्ट को और अधिक Meaningful और Quality युक्त बनाया गया है, आप इसे यहां Click करके पढ़ कते है। Thanks!
◦ New!!! एक नया काॅलम शुरू किया है -'फलसफ़ा ज़िंदगी का' । इस काॅलम में रोजमर्रा की जिंदगी में सामने आने वाली सच्ची प्रेरणादायक कहानियों को फंडे की बात के साथ मैं यहां आपके लिए शेयर करता रहूंगा। Be Positive. Thanks!



यह ब्लाॅग आपको कैसा लगा? यह हमें Comments के माध्यम से जरूर बताए। आपके Valuable Comments ही इस ब्लाॅग को चलाए रखने में हमारा हौसला बढाते है। Thanks!!!

Friday, 17 July 2015

जीवन सामंजस्य life balance

Self Improvement article in Hindi



vichar prerna blog motivational hindi article
जीवन सामंजस्य का नाम है। हम अक्सर सांसारिक भागदौड़ में इस कदर शामिल हो जाते है कि यह सामंजस्य पूरी तरह गड़बड़ाने लग जाता है। जब इस सामंजस्य का अंतिम पड़ाव आता है तब हमे यह बात समझ में आती है कि जिस के लिए इतनी सारी भागदौड़ की गयी थी, वास्तव में वह उससे कही ज्यादा महत्वहीन unimportant निकली जिसके लिए शेष बातों को भूला दिया गया था।

मूलतः मनुष्य के जीवन के वातावरण को दो भागों में बाटा जा सकता है, प्रथम उसका आंतरिक जीवन,दूसरा उसका बाहरी जीवन। यह दोनों मिलकर सांसारिक जीवन बImprovement नाते है। आंतरिक जीवन में आपका परिवार (family), सेहत(health), रिश्ते-नाते (relation) और स्वविकास (self development) यह सब आते है। तथा बाहरी जीवन में आपका पेशा, पैसा, भौतिक सुख सुविधाए आती है।

जब Business में कोई वस्तु तराजू पर तौलकर दी जाती है तो ग्राहक और व्यापारी दोनों की संतुष्टि के लिए आवश्यक है कि तराजू पर तुली हुई वस्तु दूसरी ओर के बाट के बराबर हो। उसी प्रकार जीवन भी एक तराजू है। जिसके एक ओर आंतरिक और दूसरी ओर बाहरी जीवन रहता है। जब तक इन दोनों में सामंजस्य Balance रहता है तब तक एक जीवन को दूसरे जीवन से ना तो कोई शिकायत होगी और ना ही किसी प्रकार की घृणा।

दोनों पलड़ों में फर्क आना कब शुरू होता है? जब हम इन दोनो में से किसी एक को अधिक महत्व देने लग जाते है। दोनों पलड़ो में अगर एक पलड़ा अव्यवस्थित होता है तो वो दूसरे को भी अव्यवस्थित करेगा।

जब हम आंतरिक जीवन को आवश्यकता से अधिक महत्व देते है तब हम हमारे बच्चे, पत्नी, माता पिता, भाई बहिन आदि रिश्तों में अधिक खोने लग जाते है। स्वजनों के प्रति मानवीय प्रेम इंसान की सहज प्रवृति है। पारिवारिक सदस्यों के प्रति हमारे प्रेम से भी अधिक महत्व रखता है उनके प्रति कर्तव्य भावना। एक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपने बीवी, बच्चों, माता पिता को प्यार करने के साथ साथ उनके जीवन यापन का पूर्ण बंदोबस्त करे। उनके पेट भरण और दैनदिन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसे कमाना पड़ेगा। उसी प्रकार सेहत के लिए ज्यादा समय देकर अगर हम अपनी आजीविका को कम समय दे पा रहे है तो यह भी किसी तरह से उचित नहीं है। How to win hearts in hindi click here

फिर भी देखने में यह आता है कि कम लोग ऐसे होते है जो आंतरिक जीवन के पलड़े को अव्यवस्थित करते है।
सबसे ज्यादा नुकसान आज के परिवेश में बाहरी जीवन को अधिक महत्व देने से हो रहा है। सांसारिक विलासिताए और प्रदर्शन इतना अधिक हो गया है कि मनुष्य खुद को गिरवी तक रखने को उद्यत है। अधिक धन Money और सुविधा facility की जुगत में हम अपने परिवार, रिश्तो नातो, सेहत तक को ignore करना शुरू कर देते है। एक बात हमें भली प्रकार समझ लेनी चाहिए कि मनुष्य जीने के लिए पैसे कमाता है, ना कि पैसे कमाने के लिए जीता है।

जीने के लिए पैसा कमाने तक तो ठीक है पर जब बात पैसा कमाने के लिए जीने पर आ जाती है तब पूरे जीवन का सामंजस्य डांवाडोल हो जाता है। आजीवन इसी धुन में धन कमाते कमाते हम काफी दूर निकल जाते है और जब पीछे मुड़कर देखते है तो दूर दूर तक कोई नजर नहीं आता है, ना ही पत्नी, ना बच्चे और ना ही परिवार, ना सेहत। इस असामंजस्य के जितने भी दुष्परिणाम होते है वो सारे के सारे आज के संसार में देखने को मिल जाएंगे। हमे चाहिए कि हम अपने प्रयासों को अति तक न ले जाए, आजीविका उपार्जन के साथ साथ परिवार, और सेहत का विशेष ख्याल रखें। आंतरिक और बाहरी जीवन के साथ अति, दोनों ही मनुष्य और उस पर आश्रितों के लिए हितकर नहीं है। दोनों जीवन को पर्याप्त समय दे ताकि ना तो हमारे स्वजनों को हमारे बिना जीने की आदत पड़ जाए और ना ही हमारे स्वजन हमें असफल व्यक्ति समझने लगे।

               Written By-  राम लखारा
-----------------------------------------------------------------------------------------------
Write with us-
अगर आपके पास Hindi में है कोई  Motivational Article, या कोई भाषण अथवा कोई Inspirational Quotes अथवा Stories तो हमें लिख भेजे vicharprerna@gmail.com पर. आपकी सामग्री krutidev010, Devlys010 or Google unicode फॉण्ट में हो तो बेहतर है. अपनी सामग्री के साथ अपना Pic जरूर भेजे. हमारी टीम द्वारा पढ़े जाने के बाद यदि सामग्री निश्चित रूप से ब्लॉग के उद्देश्य को पूरा करती है तो इसे Vichar Prerna Blog पर प्रदर्शित किया जायेगा.कुंठाओं और चिन्ताओ से भरी दुनिया में आपके द्वारा दी गयी जानकारी किसी को जीने की राह दिखा सकती है .

No comments:

Post a Comment

Subscribe Every New Post

अब हर नई पोस्ट की सूचना ईमेल के माध्यम से पाए

Enter your email address:-